सिताब
दियारा ब्लॉग का प्रयास हर अंकुरित हो रही प्रतिभा का सम्मान करना है | कि जिसमें
जरा भी संभावना हो, कि जिसमें दुनिया को पोसने-पालने वाले वृक्ष की छोटी सी भी
सुगबुगाहट हो ....|
इसी क्रम में आज पर ललित कुमार शुक्ला
की कवितायें
एक ....
यात्रा
इतिहास
के चित्र
जब
सजीव होने लगे
तुम्हारी
आँखों के सामने,
कहानियों
के पात्र
जब
संवाद करने लगे तुमसे,
जब
अनगिनत अनुत्तरित प्रश्न घेरने लगे तुम्हें
अंतरद्वन्द
की गुत्थियों में कम्पन शुरू हो जाए,
जब
समय का चक्र घूमने लगे तीव्र गति से
तुम
खुद को साक्षी पाओ
दुनियाँ
के क्रमिक विकास का
जब
जिज्ञासा तुमको सोने न दे
धनपशुओ
को देखते ही तुम्हारा जी मितलाने लगे
और
कोई कल्पित ईश्वर तुम्हे सोचने से रोक न सके .
साथी
! यह जीवन यात्रा का सबसे सुखद दौर है
यह
सबूत है तुम्हारे जिन्दा होने का...
दो ....
बेमतलब
जब भी
हम मिलते हैं देर रात
वो
इशारों में दिखाती है मुझे
खर्राटे
लेते पेड़
नींद
में बड़बड़ाती चिड़ियों
के घोसलें
ठण्ड
से नाक सिकोड़ते उंघते बन्दर.
और
जल्दी सुबह वो सिखाती है मुझे
रंगों
के मतलब
पेड़ो
की पत्तियों की बनावट
ओस
में गीले गुलाब के फूलों की ताजगी के बारे में.
घंटों
देखते है हम
चीटियों
के घर और उनका आना - जाना.
उसके
हिसाब से जरूरी है
बारिश
की बूंदों को गिरते हुए देखना बहुत बारीकी से.
न
जाने क्यों
कल
शाम बहुत जल्दी में थी वो
मुझे बस
इतना बता कर चली गयी
कि
कुछ भी बेमतलब नहीं होता
तीन ....
मेरी घड़ी
की सुईयाँ
कभी
कभी दौड़ती है घड़ी की सुईयाँ
और
कभी रुक कर बातें करती है मुझसे देर तक.
जब
अकेला होता हूँ मैं
चुपके
से गाती है ये गीत मेरे लिए.
जब
बुनता हूँ कुछ सुनहरे सपने
चलती
हैं ये बिना क़दमों की आहट किये
आहिस्ता
आहिस्ता
सपनों
की कोमलता को संज्ञान में रखते हुए.
जब
मैं सो रहा होता हूँ रात की मीठी नींद में
जागती
हैं ये सारी रात
मेरी
सारी चिन्ताओ का बोझ अपने ऊपर लेकर.
जब
कभी उदास होता हूँ मैं
ये
सुनाती हैं कहानियाँ मेरे लिए
फिर
भी न मानूं तो
खुद
भी उदास हो जाती हैं
माँ
की तरह ..
परिचय और
संपर्क
ललित
कुमार शुक्ल
शोध
छात्र
भौतिक
अनुसंधान प्रयोगशाला
अहमदाबाद, ३८०००९
मो. 09998425421
आपकी लिखी रचना शनिवार 08 नवम्बर 2014 को लिंक की जाएगी........... http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंnice work lalit....keep it up
जवाब देंहटाएंबधाई हो सुन्दर और ससक्त रचनाओं के प्रकाशन पर ,एक प्रतिष्ठित मंच से .
जवाब देंहटाएंललित को शानदार कविताओं के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं,बधाइयां और धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंशशि कुमार सिंह.
मेरे प्रयास को सिताब दियारा में जगह देकर मन में उत्साह और उम्मीद भरने के लिए धन्यवाद, रामजी सर. मेरा प्रयास रहेगा कि मैं आप सबकी उमीदों पर खरा उतरू. आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ...
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