विमलेश त्रिपाठी की कवितायें आप पहले भी सिताब दियारा ब्लॉग
पर पढ़ चुके हैं | आज एक बार फिर अपने समय के इस विलक्षण युवा कवि की कुछ प्रेम कवितायें
सिताब दियारा ब्लॉग पर प्रकाशित करते हुए हमें गर्व का अनुभव हो रहा है | चमकदार
विम्बों की इन कविताओं को पढ़ना आप-सबके लिए भी एक विशिष्ट अनुभव होगा, हमारी यह उम्मीद
है |
प्रस्तुत
है सिताब दियारा ब्लॉग पर विमलेश त्रिपाठी की प्रेम कविताएँ
प्यार पर कुछ
बेतरतीब बातें
एक
एक
बच्चे की हंसी
हाथ
में उसके पसंद का खिलौना
पिता
के चेहरे का गर्व
बेटे
के जीत जाने की एवज में
कवि
की पूरी हो गई कविता
माथे
का सकून
खूब
तनहाई में
बज
उठी फोन की घंटी
भीषण
सूखे में उमड़ आए
काले-काले
बादल
प्यार
तुम्हारा कुछ-कुछ वैसा...।
दो
नदी
के पार से आती
बांसुरी
की एक पागल तान
गाय
के थन से
झर-झर
बहता सफेद और गरम गोरस
जमीन
के भीतर से
पहली
बार आंख खोलती मकई की डीभी
मेरे
गांव के सबसे गरीब किसान
के
कर्ज माफ की सरकारी चिट्ठी
कूंएं
का मीठा पानी
और
बरसाती शाम में घर के चूल्हे से उठता धुंआ
जैसा
तुम्हारा प्यार...।
तीन
दुनिया
की सबसे सुंदर लड़की के साथ
दुनिया
के सबसे बड़े रेस्तरां में
एक
ही कप और आधी-आधी कॉफी
दुनिया
के सबसे ऊंचे पहाड़ पर
सबसे
चमकीली और सफेद वर्फ
सबसे
सुंदर घाटी में खिला
सबसे
सुंदर एक अकेला फूल
सबसे कर्मठ
आदमी के माथे पर
चमकती
पसीने की एक अनमोल बूंद
एक
और कई-कई असंभव सपने -सा
तुम्हारा
प्यार...।
चार
खूब
बेरोजगारी के दिनों में
नौकरी
मिल जाने की चिट्ठी
घर
जल जाने के बाद भी
बची
रह गई बिअहुती साड़ी
बहुत
पुराना लाल सिन्होरा
नीम
के पेड़ में
लगी
तीखी-मीठी निमकौड़ी
खूब
लाल एक दसबजिया फूल
ठीक
चार बजे
बजी
गुड़ की डली-सी मीठी
स्कूल
की छुट्टी की घंटी
घर
लौटते वक्त
सिर
पर छाई मेघ की छतरी
राह
में उगी नरम घास
खाली
पैरों को गुदगुदाती
राह
में मिली पड़ी
एक
चवन्नी
और
ढेर सारी गोलिया मिठाई
बिमार
मां का उतरा बुखार
बहन
के हाथ में चढ़ी मेंहदी
गांव
में आई अनाज की गाड़ी
शाम ढोलक
की थाप पर
पूरवी
- सोहर-मेहीनी
धीमे-धीमे
गांव की अलसाई रात में भिनती
प्यार
तुम्हारा वैसा ही...।
पांच
सबसे
अच्छी किताब की
सबसे
अच्छी कविता
एक
पहला प्रेम-पत्र
नाखून
से लिखा हुआ
एक
याद रह गए
गजल
की एक बंद
घर
में दरवाजा
जेब
में जरूरी कुछ चिल्लड़
और...
जैसा
प्यार तुम्हारा
छः
दफ्तर
जाते हुए रोज
मिलती
एक लड़की के कान में
झूलती
हुई सबसे सुंदर कनबाली
सुबह-सुबह
समय पर रेलगाड़ी के आने की
सूचना
देती एक लड़की की
मधुर
आवाज
पांच
दिन अथक काम करने के बाद
दो
दिन की मिली छुट्टी
किसी
नई नवेली दुल्हन के हाथ में
शंखा-पोला
और खूब चमकता लाल सिंदूर
एक
बिंदी
और
मंगलसूत्र
गांव
से खुशी-खुशी लौटी बारात
पहली
बार ससुराल जाती
दुल्हन
की डोली
सकून
की रोआ-रोंहट
छत
पर उगा लौकी का सफेद फूल
गेंदे
की हरी पत्तियों में
छुपा
एक चटक पीला फूल
खूब
जोर की आंधी के बाद भी
बचा
रह गया
अमरूद
का
एक बहुत छोटा पौधा
और...
जैसा
प्यार तुम्हारा
परिचय
विमलेश त्रिपाठी
· बक्सर, बिहार के एक गांव हरनाथपुर
में जन्म ( 7 अप्रैल 1979 मूल तिथि)। प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही।
· प्रेसिडेंसी कॉलेज से
स्नातकोत्तर,
बीएड, कलकत्ता विश्वविद्यालय में
शोधरत।
· देश की लगभग सभी
पत्र-पत्रिकाओं में कविता, कहानी, समीक्षा, लेख आदि का प्रकाशन।
सम्मान
· सांस्कृतिक पुनर्निर्माण
मिशन की ओर से काव्य लेखन के लिए युवा शिखर सम्मान।
· भारतीय ज्ञानपीठ का नवलेखन
पुरस्कार
· सूत्र सम्मान
· राजीव गांधी एक्सिलेंट
अवार्ड
पुस्तकें
· “हम बचे रहेंगे” कविता संग्रह, नयी किताब, दिल्ली
· अधूरे अंत की शुरूआत, कहानी संग्रह, भारतीय ज्ञानपीठ
एक देश और मरे हुए लोग –कविता-संग्रह, बोधि प्रकाशन जयपुर
संपर्क ....
· परमाणु ऊर्जा विभाग के एक यूनिट में सहायक निदेशक
(राजभाषा) के पद पर कार्यरत।
· संपर्क: साहा इंस्टिट्यूट ऑफ न्युक्लियर फिजिक्स,
1/ए.एफ., विधान नगर, कोलकाता-64.
· Email: bimleshm2001@yahoo.com
· Mobile:
09748800649
प्यार का एक अलग ही नज़रिया प्रस्तुत करती रचना
जवाब देंहटाएं