tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post585357759576868075..comments2024-03-28T12:43:12.893+05:30Comments on सिताब दियारा : एगो देवी माई बाड़ी हमरा गाँव में - लम्बी कहानी - नवनीत नीरव रामजी तिवारी http://www.blogger.com/profile/03037493398258910737noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-8896756405992285172014-11-04T21:30:32.092+05:302014-11-04T21:30:32.092+05:30बधाई हो!बधाई हो!LAKSHMI KANT MUKUL لکشمیکاںت مُکُل लक्ष्मीकांत मुकुलhttps://www.blogger.com/profile/18150211054204537419noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-3728537667709706312014-10-29T14:43:52.440+05:302014-10-29T14:43:52.440+05:30कहानी पढ़ी और पढ़ता ही चला गया। लगा कि जैसे समय रू...कहानी पढ़ी और पढ़ता ही चला गया। लगा कि जैसे समय रूक गया है। आपास के सैकड़ो सन्दर्भ दिमांग में रेगनें लगे। दुर्गापूजक समाज का यतार्थ जो आज भी वैसा ही है बस थोड़े तौर तरीके बदले है किन्तु कहानी का सच तो उतना ही प्रासंगिक है । कहानी में गांवा के सहअस्तित्व जे जीवन के बदलाव की बात की है किन्तु दूसरा पक्ष की भयावता, मानवीय मन की अथाह गहराई का आभास का जो चित्र उभरा है सचमुच वह प्रशंसनीय है। महेन्द्र कुमारhttps://www.blogger.com/profile/05300073339617746023noreply@blogger.com