tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post3670313288790547111..comments2023-10-20T20:17:33.139+05:30Comments on सिताब दियारा : ''बावड़ी'' -- 'कविता' की कहानी रामजी तिवारी http://www.blogger.com/profile/03037493398258910737noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-84714651776842063252013-01-30T11:41:57.866+05:302013-01-30T11:41:57.866+05:30कहानी को पढ़ते हुए जीता रहा अपने पास को, सच में परि...कहानी को पढ़ते हुए जीता रहा अपने पास को, सच में परिवार का मतलब क्या होता है? माँ-बाप, चाचा-चाची, अपने पडोसी, हमारे लिए तो यही होता था और हम सुरक्षित महसूस करते थे उनके साथ, लेकिन समय के साथ बदल गयी मान्यताएं और बदल गए लोग भी, कुछ भी सुरक्षित नहीं रह गया है। अभी हाल की घटना पर चर्चा करते हुए एक आईपीएस मित्र ने कहा की इन्सेस्ट घटनाएं जल्दी संज्ञान में नहीं आतीं, लेकिन ऐसी घटनाएं इतने अन्दर तक घर करती है कि पीड़ित मानसिक रूप से बीमार ही रहता है, कविता जी की कहानी पढ़ते हुए उसी मानसिक स्थिति से गुजरता रहा और डरता रहा कि कहाँ जा रहे हैं हम? एक अन्तर्मन्थन करती है यह कहानी, वर्तमान समाज और सामाजिक मूल्यों की, जो लगातार रसातल की ओर जा रही हैं। Niraj Palhttps://www.blogger.com/profile/12597019254637427883noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-12377085958584111902013-01-30T10:24:05.068+05:302013-01-30T10:24:05.068+05:30Bahut hee khoobasoorat kahaanee. Man kee atal gaha...Bahut hee khoobasoorat kahaanee. Man kee atal gaharaaiyom me pravesh kar bechain kar denevalee.<br /><br /><br />Randheer Singh, VaranasiAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-27263220745991032013-01-29T22:11:30.126+05:302013-01-29T22:11:30.126+05:30बहुत बेचैन कर देने वाली कहानी है बहुत बेचैन कर देने वाली कहानी है Neeraj Shuklahttps://www.blogger.com/profile/06128557649447827623noreply@blogger.com