tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post3437254193349939242..comments2024-03-28T12:43:12.893+05:30Comments on सिताब दियारा : पंखुरी सिन्हा की कवितायें रामजी तिवारी http://www.blogger.com/profile/03037493398258910737noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-29177605895550030442017-07-30T11:48:57.018+05:302017-07-30T11:48:57.018+05:30वाह प्रकृति की कविता इन्हें कहा जा सकता है . अभिभू...वाह प्रकृति की कविता इन्हें कहा जा सकता है . अभिभूत हूं. बहुत सुंदर रचनाये.Aparna Bajpaihttp://bolsakheere.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-9860334038422432722016-12-31T12:23:07.020+05:302016-12-31T12:23:07.020+05:30बहुत ही सुन्दर कवितायेँ है। बहुत ही सुन्दर कवितायेँ है। कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-20783402132484882822016-09-16T08:04:47.104+05:302016-09-16T08:04:47.104+05:30बहुत दिनों बाद पढ़ा ,बल्कि दिनों नहीं,बरसों बाद......बहुत दिनों बाद पढ़ा ,बल्कि दिनों नहीं,बरसों बाद....और जो पढ़ा अभी-अभी ,सीधे दिल में उतर भी गया,मिट्टी से जुड़ीं और प्रकृति से गुत्थमगुत्था ऐसी रचनाओं हेतु आभार पंखुरी आपको !!<br />सम्भवतः कोई 6 साल बाद बाद ब्लॉग यात्रा <br />आपको याद तो हूँ न मैं ??राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-77614096461659410632016-08-13T16:20:28.538+05:302016-08-13T16:20:28.538+05:30प्रकृति को जिंदा कर देने वाली संवेदना से युक्त ...प्रकृति को जिंदा कर देने वाली संवेदना से युक्त कवितायेँ. बधाई हो पंखुरी जी. शुक्रिया राम जी सर इतनी बेहतरीन कविताओं को पढवाने का . NILAMBUJhttps://www.blogger.com/profile/07995469082747923045noreply@blogger.com