tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post996922710799513998..comments2024-03-28T12:43:12.893+05:30Comments on सिताब दियारा : मैं पूछता हूँ सबसे गर्दिश कहाँ थमेगी -- रांगेय राघवरामजी तिवारी http://www.blogger.com/profile/03037493398258910737noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-41271401696568655102014-04-24T23:44:49.978+05:302014-04-24T23:44:49.978+05:30पाण्डेय जी
इस महत्वपूर्ण आलेख के लिए धन्यवाद. हम ...पाण्डेय जी <br />इस महत्वपूर्ण आलेख के लिए धन्यवाद. हम लोग क्लीव चरित्र के कारण बहुत से महत्वपूर्ण लेखको से मुह मोड़ते रहे हैं.MADAN PAL SINGHhttps://www.blogger.com/profile/05916178673294723353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-25936921176563120042012-09-12T13:49:05.117+05:302012-09-12T13:49:05.117+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-12702833685523081362012-08-27T23:20:57.407+05:302012-08-27T23:20:57.407+05:30जितेन्द्र भाई, आपकी यह टीप मेरे लिए आशीर्वाद जैसी ...जितेन्द्र भाई, आपकी यह टीप मेरे लिए आशीर्वाद जैसी है Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-34231430973141691662012-07-16T19:11:09.211+05:302012-07-16T19:11:09.211+05:30शुक्रिया आप सबका. शिरीष भाई, लगता है आप मित्रता मे...शुक्रिया आप सबका. शिरीष भाई, लगता है आप मित्रता में मेरी औकात कुछ अधिक ही बढाते जा रहे हैं :)Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-71743318056903983822012-07-14T20:34:00.938+05:302012-07-14T20:34:00.938+05:30अमित भाई से सहमत हूँ .....जानकारी से परिपूर्ण ये ल...अमित भाई से सहमत हूँ .....जानकारी से परिपूर्ण ये लेख खुद बा खुद इसके पीछे की मेहनत को बयां करता है ....हम जैसे नए लोगो के लिए रांगेय राघव जी के लिखे के बारे में एकमुश्त इतनी जानकारी मिलना काफी महत्वपूर्ण है ...बहुत बहुत शुक्रिया !....कुलदीप अंजुमAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-67549770733404802322012-07-13T08:10:04.049+05:302012-07-13T08:10:04.049+05:30Bahut sarthak!Agre walon ki or se vishesh abhar!Bahut sarthak!Agre walon ki or se vishesh abhar!Jitendra Raghuvanshihttps://www.blogger.com/profile/07424405236057449733noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-72864585634897967842012-07-13T08:07:14.400+05:302012-07-13T08:07:14.400+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Jitendra Raghuvanshihttps://www.blogger.com/profile/07424405236057449733noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-90076672114649680332012-07-12T18:29:27.241+05:302012-07-12T18:29:27.241+05:30बहुत बारीक पड़ताल करता आलेख. इस लेख में म्हणत स्पष...बहुत बारीक पड़ताल करता आलेख. इस लेख में म्हणत स्पष्ट दिख रही है. रांगेय राघव द्वारा ग्राम्य जीवन की वास्तविक परिस्तिथियों का ईमानदार चित्रण करते लेखन का यहाँ उल्लेख करना वास्तव में एक सराहनीय और लीक तोड़ कर किया गया वास्तविक प्रगतिशील कर्म है.Amit sharma upmanyuhttps://www.blogger.com/profile/10690429986793307279noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-775109223381656722012-07-12T18:08:28.160+05:302012-07-12T18:08:28.160+05:30रांगेय राघव को अब कौन याद करता है ..? 'कब तक प...रांगेय राघव को अब कौन याद करता है ..? 'कब तक पुकारूँ' उनकी एक कालजयी कृति है |अशोक पाण्डेय को धन्यवाद इस महत्वपूर्ण आलेख के लिए | और सिताब दियारा का भी आभार .....केशव तिवारीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-2242868324244487942012-07-12T15:28:44.938+05:302012-07-12T15:28:44.938+05:30प्रेमचन्द भाई की बात से सहमत....हिंदी में हुई ऐसी...प्रेमचन्द भाई की बात से सहमत....हिंदी में हुई ऐसी हिंसाओं की पड़ताल का समय आ पहुंचा है। बहुत ज़रूरी काम किया है अशोक ने....दुआ ये किताब लिखे जाने तक पह़ुचे।शिरीष कुमार मौर्यhttp://www.anunaad.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-81593012200846628362012-07-11T12:51:50.264+05:302012-07-11T12:51:50.264+05:30अशोक जी को बहुत बहुत धन्यवादअशोक जी को बहुत बहुत धन्यवादनवनीत सिंहhttps://www.blogger.com/profile/04563549068952232124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-27877766748199830602012-07-11T09:01:01.093+05:302012-07-11T09:01:01.093+05:30बहुत मन से लिखा गया एक ज़रूरी आलेख। यह सच है कि रा...बहुत मन से लिखा गया एक ज़रूरी आलेख। यह सच है कि रांगेय राघव के साथ आलोचना ने न्याय नहीं किया... पाठकों ने ही रांगेय राघव को प्यार दिया। ... हिंदी आलोचना के बहुत से अन्यायों में रांगेय राघव के साथ किया गया बर्ताव ऐतिहासिक गलती है। इसे नई पीढियां ही ठीक करेंगी।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13562041392056023275noreply@blogger.com