tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post8824372933200501996..comments2024-03-28T12:43:12.893+05:30Comments on सिताब दियारा : छोटे ख्याल : एक काव्य श्रृंखला : प्रेमचंद गांधीरामजी तिवारी http://www.blogger.com/profile/03037493398258910737noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-88817692841563059332012-07-31T11:03:27.806+05:302012-07-31T11:03:27.806+05:30umdaumdaSumit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/16169131463163983805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-30545245463238939552012-07-01T11:13:32.965+05:302012-07-01T11:13:32.965+05:30उसका सपनों में आना भी
सपना हो गया
ज्यों पिंजरे क...उसका सपनों में आना भी<br />सपना हो गया<br /><br />ज्यों पिंजरे के भीतर <br />परिंदे का<br />उड़ना हो गया...achhi kavitayen hain jo jeevan ke anubhavon ka nichod hain ek tarah se, bahut shukriya<br />-vimal c pandeyaddictionofcinemahttps://www.blogger.com/profile/09104872627690609310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-27522406578620556362012-07-01T10:38:52.019+05:302012-07-01T10:38:52.019+05:30अच्छी लगी .छोटे रूप में मुकम्मल सीअच्छी लगी .छोटे रूप में मुकम्मल सीkailashhttps://www.blogger.com/profile/05658982773601772565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-3048117094719130202012-06-30T10:07:19.819+05:302012-06-30T10:07:19.819+05:30छोटे ख्याल की ये कविताएँ थाट और बंदिश देती..छोटे ख्याल की ये कविताएँ थाट और बंदिश देती..अपर्णा मनोजhttps://www.blogger.com/profile/03965010372891024462noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-25941080015646603342012-06-29T23:55:31.754+05:302012-06-29T23:55:31.754+05:30एक ही क्यारी में इतने सारे फ़ूल...जीवन को महकाते हु...एक ही क्यारी में इतने सारे फ़ूल...जीवन को महकाते हुए, भूले बिसरे संबंधों से गुजर कर आती खुशबु...एक बार फ़िर से आगे कदम बढाने को मज़बूर करती है, सभी कवितायें....रामजी को बधाई कि प्रेम चंद जी का गुलदस्ता भेंट किया...शुक्रिया.Shamshad Elahee "Shams"https://www.blogger.com/profile/14542269543461516533noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-25830087989464480192012-06-29T22:28:47.711+05:302012-06-29T22:28:47.711+05:30'याद की तितली गुले-इश्क का ख्याल करो '
19...'याद की तितली गुले-इश्क का ख्याल करो '<br />1990 के बाद के नए तरह के यथार्थ 'अँधेरे के साम्राज्य' ने जो नई चौनोतियाँ पैदा की हैं<br />.....उनसे जूझ रही हैं ए छोटी-छोटी कवितायेँ ..जीवन बचाने के अनेकों संकेतों द्वारा .....<br />कवि यहाँ 'हंस कर बोल ' 'दाना पानी हवा आराम ''उजाले की इतनी कमी भी नहीं ' फूलो से पराग...' 'खाली जगहों को भरना...' <br />के माध्यम से democratic values को बचाने का प्रयास कर रहे हैं ..क्योकि ऐसे कठिन समय में हम उन्हें ही बचा पायें तो भी बहुत है<br />उर्दू की खनक काबिलेतारीफ है.......प्रेमचंद भाई को बधाईAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/03188211295281437236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-12925409504199767972012-06-29T20:34:09.868+05:302012-06-29T20:34:09.868+05:30जीवन अनुभवों से सहज स्फूर्त संवेदनाओं को सुगढ़ता स...जीवन अनुभवों से सहज स्फूर्त संवेदनाओं को सुगढ़ता से सहेजा है आपने इस कविताओं में ! बहुत बहुत बधाई !अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-30552939528703598872012-06-29T20:33:34.223+05:302012-06-29T20:33:34.223+05:30पहली बार आपकी इतली कविताएं पढ़ी....छोटी-छोटी सही....पहली बार आपकी इतली कविताएं पढ़ी....छोटी-छोटी सही..काफी प्रभावी है।Jugal Kishore Bharatinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-50741719078966453902012-06-29T20:24:32.114+05:302012-06-29T20:24:32.114+05:30पहली बार आपकी इतली कविताएं पढ़ी....छोटी-छोटी सही....पहली बार आपकी इतली कविताएं पढ़ी....छोटी-छोटी सही..काफी प्रभावी है।Unknownhttps://www.blogger.com/profile/00572141296325435546noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-3527203367674417232012-06-29T19:26:45.625+05:302012-06-29T19:26:45.625+05:30अच्छी लगीं कविताएँ. तीसरी, चौथी, बारहवीं और बीसवीं...अच्छी लगीं कविताएँ. तीसरी, चौथी, बारहवीं और बीसवीं कविताएँ ख़ास पसंद आईं. <br />धन्यवाद रामजी भाई!!मनोज पटेलhttps://www.blogger.com/profile/18240856473748797655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-7464119372272027542012-06-29T18:11:18.314+05:302012-06-29T18:11:18.314+05:30बढ़िया लगी सभी कवितायेँ.....सभी अपने आप में पूर्ण,...बढ़िया लगी सभी कवितायेँ.....सभी अपने आप में पूर्ण, कुछ तो अरसा याद रह जाने वाली हैं......भूमिका में सच लिखा रामजी भाई ने, पढ़कर मेरे भीतर का अनगढ़ मनमौजी रचनाकार भी प्रेरित हुआ.....बधाई प्रेम जी....आभार रामजी भाई.....अंजू शर्माhttps://www.blogger.com/profile/13237713802967242414noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-88205765509740476752012-06-28T22:21:47.674+05:302012-06-28T22:21:47.674+05:30बढ़िया ..अलग अलग भावभूमि से उपजी अपने कथ्य में सघन...बढ़िया ..अलग अलग भावभूमि से उपजी अपने कथ्य में सघन चुटीली मार्मिक और सामयिक समस्याओं पर उभरी जरुरी अभिव्यक्तियाँ ..बधाई प्रेमचन्द जी बहुत शुक्रिया राम जी तिवारी जीVandana Sharmahttps://www.blogger.com/profile/16280957639212248298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-8878108267343101282012-06-27T21:05:12.259+05:302012-06-27T21:05:12.259+05:30सूक्तियों जैसी इन छोटी-छोटी कविताओं की सबसे बड़ी ख...सूक्तियों जैसी इन छोटी-छोटी कविताओं की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये एक साथ मिलकर एक पुष्पगुच्छ जैसा बनाती हैं. दूसरी जो चीज प्रभावित करती है वह है इनकी लयात्मकता...जो जितनी सायास है उतनी ही अनायास. मुझे तो यह प्रयोग अच्छा लगा...सुन्दरAshok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-68443543926787709322012-06-27T14:00:10.460+05:302012-06-27T14:00:10.460+05:30पहली बार आपकी इतली कविताएं पढ़ी....छोटी-छोटी सही....पहली बार आपकी इतली कविताएं पढ़ी....छोटी-छोटी सही..काफी प्रभावी है।रश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.com