tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post6754946211980429562..comments2024-03-28T12:43:12.893+05:30Comments on सिताब दियारा : युवा कथाकार 'अरविन्द' की कहानी - 'दुःस्वप्न'रामजी तिवारी http://www.blogger.com/profile/03037493398258910737noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-4665661978285358382014-07-24T14:46:23.865+05:302014-07-24T14:46:23.865+05:30वर्तमान समय का यही सच है कि एक ईमानदार व्यक्ति का ...वर्तमान समय का यही सच है कि एक ईमानदार व्यक्ति का जीवन कितना मुश्किल हो गया है इसी सच्चाई को उजागर करती है अरविन्द की यह कहानी .Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06603879595635198480noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-72814480819378087472014-03-16T09:20:33.026+05:302014-03-16T09:20:33.026+05:30आज की स्थितियों को राजनीति, नाटक और प्रेम की थीम ...आज की स्थितियों को राजनीति, नाटक और प्रेम की थीम के माध्यम से दर्शाया गया है. बहुत ठहरी हुई गंभीर कहानी जिसमें स्वप्न दुस्वप्न बन जाते हैं जो हमारे समय का यथार्थ है.sarita sharmahttps://www.blogger.com/profile/03668592277450161035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-52606366903112705152014-03-15T19:35:53.179+05:302014-03-15T19:35:53.179+05:30अरविंद, कहानी पढ़ी, बहुत अच्छी कहानी है। अच्छी तरह ...अरविंद, कहानी पढ़ी, बहुत अच्छी कहानी है। अच्छी तरह लिखी हुई और सुगठित। बार-बार सपनों का ज़िक्र मुझे थोड़ा खटकता रहा। मगर कहानी में वे आवश्यक भी थे। उनका विवरण बिना उनके ज़िक्र के ही लिख सकते थे, शायद। या तो इस ब्लॉग में कुछ त्रुटि है या तुम्हीं ने कुछ व्याकरण की गलतियाँ छोड़ दी हैं। साथ ही कहीं-कहीं कुछ शब्द भी गलत छपे हैं। <br />Ajit Harshehttps://www.blogger.com/profile/06123937087813555958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-26527599190995714632014-03-14T17:49:26.722+05:302014-03-14T17:49:26.722+05:30प्रिय अरविंद जी को इतनी सुन्दर कहानी के लिये हमारी...प्रिय अरविंद जी को इतनी सुन्दर कहानी के लिये हमारी तरफ से बधाई पहुंचे.<br />~अजय कुमार AjAy Kum@rhttps://www.blogger.com/profile/02786339442933781090noreply@blogger.com