tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post3205107891230093575..comments2024-03-28T12:43:12.893+05:30Comments on सिताब दियारा : केदारनाथ अग्रवाल को याद करते हुए ...केशव तिवारीरामजी तिवारी http://www.blogger.com/profile/03037493398258910737noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-21256754600970764262016-06-25T07:24:10.473+05:302016-06-25T07:24:10.473+05:30केशव जी, केदार जी के प्रति कृष्ण मुरारी पहारिया का...केशव जी, केदार जी के प्रति कृष्ण मुरारी पहारिया का आक्रोश जायज था ? अगर हाँ तो उसकी वजह क्या थी।अनिल सिन्दूर https://www.blogger.com/profile/02535107161017292426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-8181186847892066352012-07-27T12:51:01.385+05:302012-07-27T12:51:01.385+05:30अच्छा लिखा है भाई । हिन्दी के सारे बड़े कवियों का फ...अच्छा लिखा है भाई । हिन्दी के सारे बड़े कवियों का फिर से मूल्यांकन करना ज़रूरी है । फ़लां जी ने क्या कह दिया है इससे कुछ जाता-आता नहींनील कमलhttps://www.blogger.com/profile/03824075297831269346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-25192031334880436142012-07-26T13:41:45.380+05:302012-07-26T13:41:45.380+05:30इस शिक्षाप्रद संस्मरण में जहां केदार बाबू के रचना...इस शिक्षाप्रद संस्मरण में जहां केदार बाबू के रचनात्मक व्यक्तित्व के कई अनजाने पहलू उद्घाटित हुए हैं वहीं आपकी ग्रहनीयता और उनकी कविता के काव्य-तत्त्व तक पहुँचने की क्षमता भी |केदार जी कविता को जिन जीवन-क्षेत्रों में ले गए ,वहाँ सामान्य मध्यवर्गीय कवि की पहुँच नहीं हो पाती |वे नागार्जुन ,त्रिलोचन जी के साथ एक अलग धारा को प्रवाहित करते रहे ,जिसने कविता को अज्ञेय प्रवर्तित व्यक्तिवादी काव्य-प्रवाह से बचाया ,जो शीत-युद्ध के दिनों में,सत्ता और प्रलोभन के बल पर खूब तेजी से फली-फूली थी |बधाई स्वीकार करें, केशव जी |जीवन सिंहhttps://www.blogger.com/profile/12928813138204126303noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-77784906513952281532012-07-25T23:27:58.111+05:302012-07-25T23:27:58.111+05:30स्मरण के तमाम खतरे होते हैं. या तो वह स्मृत जीवन स...स्मरण के तमाम खतरे होते हैं. या तो वह स्मृत जीवन से जुड़े हुए अपने अनुभवों के पालतूपन का शिकार हो जाता है या फिर घोर वैयक्तिक स्तर पर एक जीवन को दैनंदिन विवरण की बही बना डालता है. केशव जी का यह संस्मरण,एक जीवन के सुचिंतित आत्मसंघर्ष, चुनौतियों और सीमाओं को उनकी वैचारिकता और व्यापकता में देखने-परखने का एक व्यवस्थित प्रयास है. केदार के कवि में केदार के व्यक्ति का सुरुचिपूर्ण उत्खनन, केशव जी के अपने तेवरों में.........बधाई उन्हें. <br /><br />- सुबोध शुक्लAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-54969719078546488612012-07-25T19:47:39.752+05:302012-07-25T19:47:39.752+05:30केदार जी के व्यक्तित्व के कई पहलुओं को आपने बहुत...केदार जी के व्यक्तित्व के कई पहलुओं को आपने बहुत आत्मीयता के साथ रचा है। केदार जी से जो सीखना चाहिये वह भी आपके संस्मरण में ध्वनित होता है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13562041392056023275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-22408413110881062682012-07-25T19:14:48.802+05:302012-07-25T19:14:48.802+05:30adbhut atmiyata ke bavjood asamprikt hokar likha g...adbhut atmiyata ke bavjood asamprikt hokar likha gaya sansmaran ! Keshaw ji ko bahut badhai<br />vimal chandra pandeyaddictionofcinemahttps://www.blogger.com/profile/09104872627690609310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-755993030245548492012-07-25T16:32:58.326+05:302012-07-25T16:32:58.326+05:30हालांकि मुझे केदार जी की कवितायें कभी बहुत प्रभावी...हालांकि मुझे केदार जी की कवितायें कभी बहुत प्रभावी नहीं लगीं. लेकिन यह संभाल कर रखे जाने वाला आलेख है..केशव भाई ने आत्मीयता से लिखा है..प्रसंगवश केदार जी पर हिमांशु पंडया ने भी एक अच्छा आलेख लिखा है.Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-68401410199017969152012-07-25T15:52:29.733+05:302012-07-25T15:52:29.733+05:30बहुत गहरे जाकर केदार बाबू के व्यक्तित्व को समझने क...बहुत गहरे जाकर केदार बाबू के व्यक्तित्व को समझने की कोशिश झलकती है यहाँ इस संस्मरण में. उनकी कविता को सलीके से समझने के लिहाज़ से भी यह ज़रूरी है. बधाई उन्हें. आज सुबह ही उन्होंने फ़ोन पर बताया इस संस्मरण के बारे में.मोहन श्रोत्रियhttps://www.blogger.com/profile/00203345198198263567noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-74957118484905599852012-07-25T14:30:38.078+05:302012-07-25T14:30:38.078+05:30बहुत बढ़िया लिखा है केशव जी नेबहुत बढ़िया लिखा है केशव जी नेNityanand Gayenhttps://www.blogger.com/profile/14656349243336915008noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-56503407674803740272012-07-25T14:09:26.946+05:302012-07-25T14:09:26.946+05:30bahut aatmeey sansmaran hai......kedar baboo ke ba...bahut aatmeey sansmaran hai......kedar baboo ke bare main bahut kuchh janane ko mila.Mahesh Chandra Punethahttps://www.blogger.com/profile/09695768908018459567noreply@blogger.com