tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post2121810447201471818..comments2024-03-28T12:43:12.893+05:30Comments on सिताब दियारा : दो कवितायें - रामजी तिवारी रामजी तिवारी http://www.blogger.com/profile/03037493398258910737noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-44171805468876603932013-09-13T14:25:13.460+05:302013-09-13T14:25:13.460+05:30बहुत शुक्रिया आप सबका ....बहुत शुक्रिया आप सबका ....रामजी तिवारी https://www.blogger.com/profile/03037493398258910737noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-1906342835768696762013-09-12T08:10:44.937+05:302013-09-12T08:10:44.937+05:30मुझे ऎसी कवितायें रुचती हैं. तीखी, खुरदुरी सी लगती...मुझे ऎसी कवितायें रुचती हैं. तीखी, खुरदुरी सी लगती लेकिन धारदार और एक आंतरिक लय में बंधी. इनका पाठ अगर डूब के किया जाय तो बड़ा प्रभावी होता है. रामजी भाई, इस जोनर में लगातार लिखिए. संभव है यह शुद्ध कविता की मांग करने वालों के काम की चीज़ न हो लेकिन जनता के काम की चीज़ तो है ही. बिरादराना सलाम!Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-87316670307087360072013-09-11T20:34:39.557+05:302013-09-11T20:34:39.557+05:30दोनों ही कविताएँ धारदार .....सादर
-नित्यानंद गाये...दोनों ही कविताएँ धारदार .....सादर <br />-नित्यानंद गायेन Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-36806957018095239172013-09-11T11:37:39.823+05:302013-09-11T11:37:39.823+05:30आत्मा से खदेड़ कर मूर्तियों में बिठाये गए ईश्वर
**...आत्मा से खदेड़ कर मूर्तियों में बिठाये गए ईश्वर<br />***<br />क्या सटीक तस्वीर उभरी है इन कविताओं के माध्यम से!<br />सशक्त कवितायेँ!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4995179813337431693.post-74173049204026269892013-09-11T10:46:01.012+05:302013-09-11T10:46:01.012+05:30धर्म और ईश्वर के नाम पर चल रही धोखाधड़ी और पाखण्...धर्म और ईश्वर के नाम पर चल रही धोखाधड़ी और पाखण्ड को बेबाकियत से बेनकाब करती सशक्त कवितायेँ | बधाई |अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.com